परिचय-
बाल किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का आईना होता है। बालों से आपका स्वास्थ्य कैसा है इसका भी पता चलता है। स्वस्थ, सुन्दर, लंबे, घने और चमकदार बाल आपको सुन्दर और आकर्षक बनाते हैं। बालों को फैशन के अनुसार ही अलग-अलग स्टाइलों में बनाया जाता है। खूबसूरती को उजागर करते बाल काले और घने हों तो किसी का भी पूरा सौन्दर्य ही खिल उठता है। किसी समय में कमर तक झूलती चमकती काली चोटी भारतीय नारी की पहचान थी। लेकिन आज के समय में वक्त की कमी, बढ़ती हुई दिमाग की परेशानी, वायु प्रदूषण, बालों की देखभाल में बरती जाने वाली लापरवाही आदि कई ऐसे कारण है, जिनकी वजह से बालों की स्थिति ज्यादा खराब ही देखने को मिलती है।
हमारे बाल केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं। प्रोटीन हमारे बालों में होता है। इससे साफ पता चलता है हमारे भोजन में प्रोटीन का बहुत महत्व है। दूसरे अंगों की अपेक्षा सिर पर उगनेवाले बालों की बढ़ोतरी जल्दी और ज्यादा होती है। आमतौर पर हर महीने बालों की लंबाई में 1.25 सेमीमीटर की बढ़ोतरी होती है। बालों का बढ़ना व्यक्ति की उम्र, लिंग, मौसम और अनुवांशिक कारणों पर निर्भर करता है। बालों के विशेषज्ञों का मानना है कि बालों की लंबाई से ज्यादा बालों के स्वास्थ्य को महत्व दिया जाना चाहिए। स्वस्थ, सुन्दर, लचीले बाल भले ही छोटे हो, परन्तु देखने वालों पर यह अच्छा प्रभाव छोड़ते हैं। दोमुंहे, बिखरे और रूखे बाल चाहे कितने ही लंबे क्यों न हो अच्छे नहीं लगते हैं।
बालों को खूबसूरत बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय-
1. बालों की देखभाल-
आज के मॉर्डन युग में हर कोई खूबसूरत दिखने की चाह में दौड़ रहा है चाहे उसे खूबसूरत दिखने के लिये कितना कुछ भी क्यों न करना पड़े। वह नहीं चाहता कि उसके शरीर का कोई भी अंग ऐसा हो जिसे देखकर लोग मुंह बनाए और शरीर के इन्हीं जरूरी अंगों में से एक है बाल, क्योंकि बालों को सिर का दमकता ताज कहा जाता है और इसके लिये जरूरी है बालों की सही तरीके से देखभाल। बालों को सुन्दर और मजबूत बनाने के लिये प्रोटीन, विटामिन-बी, लौह तत्व और आयोडीन पूरी मात्रा में लेने चाहिए। विटामिन बी बालों को पतला और सफेद होने से बचाता है। पूरी मात्रा में विटामिन और प्रोटीन के साथ आपको दही भी खाना चाहिए क्योंकि दही हमारे भोजन पचाने की क्रिया में कुछ ऐसे अम्लों को पैदा करता है जो बालों को सफेद न होने देकर उनका प्राकृतिक रंग बनाए रखते हैं। बालों के पोषण के अलावा उनकी प्रकृति को जानना भी बहुत जरूरी है ताकि उसी के अनुसार आप बालों की सही तरीके से देखभाल कर सकें।
रोजाना करने वाले भोजन में ज्यादा तेल होने की वजह से बाल रूखे-सूखे हो जाते हैं। अगर ऐसे बालों का सही तरीके से और सही समय पर उपचार नहीं कराया जाएगा2. रूखे-सूखे बाल-
रोजाना करने वाले भोजन में ज्यादा तेल होने की वजह से बाल रूखे-सूखे हो जाते हैं। अगर ऐसे बालों का सही तरीके से और सही समय पर उपचार नहीं कराया जाएगा तो हमारे बाल दोमुंहे हो जाएंगे और पूरे सिर में रूसी हो जाएगी। सूखे बालों को ठीक करने के लिये रोजाना सिर पर जैतून या बादाम के तेल को गर्म करके उससे अच्छी तरह से मालिश करनी चाहिए।
3. बालों को खूबसूरत बनाने के लिए मालिश करने की विधि-
मालिश सबसे पहले सिर के बीच से शुरू करनी चाहिए। पहले उंगलियों के पोरों को स्थिर रखते हुए माथे की त्वचा को आगे-पीछे गति दें। इसके बाद उंगलियों से सिर की बहुत अच्छी तरह से मालिश करें। इस तरह की मालिश माथे के पीछे की ओर, कानों के पीछे और गर्दन के नीचे तक करें। लगभग 15 मिनट तक इस तरह से मालिश करने के बाद माथे को गर्मी पहुंचाने के लिये थैली से ढक दें। नहीं तो पहले से 2-3 छोटी नेपकिन को मुंह बन्द उबलने वाले बर्तन के ऊपर गर्म करके रख लें तथा उन्हें फिर प्लास्टिक की थैली पर लपेट दें। यह इसलिये होता है कि खोपडी ऊपर से ज्यादा गर्म रह सके और तेल त्वचा में समा सके। इसके आधे घंटे बाद सिर को शिकाकाई से धो लें। आप चाहें तो घर पर ही शिकाकाई का घोल तैयार कर सकते हैं। इसके लिए 6 कप पानी में 1 कप शिकाकाई के बीजों को डालकर उबाल लें तथा देख लें कि बीज नर्म हो गए या नहीं। बीजों के ठण्डे हो जाने पर उन्हें तब तक मसलें जब तक कि उनमें झाग पैदा न हो जाए। अब उस घोल को बारीक कपड़े में छानकर बालों को धोने के लिये इस्तेमाल कर सकती हैं। वैसे अगर आप चाहे तो शिकाकाई का साबुन भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
सूखे बालों को न तो रंगे और न ही उन पर पर्म या ब्लीच करें। उनमे हल्के हाथों से बालों की जड़ों पर से कंघी करें तथा मुलायम ब्रश से समतल पर संजीवता प्रदान करें। स्कार्फ पहने बिना ज्यादा देर तक धूप में न रहें तथा तैरते समय सिर को कनटाप से ढक लें। इन सबके साथ रोजाना सूप, दाल, चावल या दूध में 2-3 चम्मच मक्खन, घी या तेल मिलाकर खाएं। साथ में विटामिन `ए´ और विटामिन `ई´ की गोलियां खा लें।
जिन लोगों की त्वचा तैलीय होते हैं उनके बाल भी तैलीय हो जाते हैंं और अगर उन्हे अच्छी तरह साफ न रखा जाए तो सिर में रूसी के साथ-साथ त्वचा पर संक्रमण का खतरा भी हो जाता है।4. तैलीय बाल-
जिन लोगों की त्वचा तैलीय होते हैं उनके बाल भी तैलीय हो जाते हैंं और अगर उन्हे अच्छी तरह साफ न रखा जाए तो सिर में रूसी के साथ-साथ त्वचा पर संक्रमण का खतरा भी हो जाता है। ऐसे बालों के लिए गर्म पानी में मुलतानी मिट्टी मिलाकर धोने से लाभ होता है। गर्म पानी चिकनेपन को बढ़ाता है। इसके लिए मुलतानी मिट्टी को किसी बर्तन में भिगोकर रख दें तथा उस के मुलायम हो जाने उसमें एक बड़े नींबू का रस मिला दें। फिर उस घोल को अपने सिर पर मसलकर आधे घंटे के लिये यूं ही छोड़ दें। आधे घंटे के बाद सिर को पहले गर्म पानी से और बाद में ठण्डे पानी से धो लें। आखिर में 2 चम्मच सेब का सिरका या नींबू के रस को पानी में मिलाकर बालों को धोएं। इससे एक तो बालों में से फालतू तेल बाहर निकल जाएगा और दूसरा जलती गर्मी के मौसम में सिर ठण्डा रहेगा। इससे न तो घमौरियां निकलेगी और न ही लू लगेगी। चने का आटा भी मुलतानी मिट्टी की ही तरह तैलीयता को खत्म करता है। इसे भी मुलतानी मिट्टी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। भोजन में तले हुए और ज्यादा मिर्च-मसाले वाले पदार्थों का कम से कम उपयोग करना चाहिये।
बालों को बार-बार ब्लीच करने और रंगने तथा हेयर ड्रायर और बालों को घुंघराले करने वाले उपकरणों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से बाल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। 5. क्षतिग्रस्त बाल-
बालों को बार-बार ब्लीच करने और रंगने तथा हेयर ड्रायर और बालों को घुंघराले करने वाले उपकरणों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से बाल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। 3 भागों में विभक्त होने वाले बालों को विखण्डित बाल कहा जाता है। ऐसे बालों को समय-समय पर कटवाते रहना चाहिए जिससे कि वे और विभक्त न हो सके।
विखण्डित बालों को अण्डे के शैंपू से धोना चाहिए। अण्डे का शैंपू बनाने के लिए ब्लेण्डर में 1 अण्डा, 3 चम्मच नींबू का रस या सेब का सिरका, चुटकी भर नमक और चौथाई कप जैतून का तेल डालकर ज्यादा तेजी से चलाएं ताकि सभी चीजें अच्छी तरह से मिलकर गाढ़ी बन जाए। अब चलते हुए ब्लेण्डर के बीच का ढक्कन खोलकर उसमें चौथाई कप तेल और डाल दें। मिश्रण के पूरी तरह से तैयार होने पर उसे हल्के हाथों से सिर की त्वचा पर मलें तथा आधे घंटे तक सूखने दें। सप्ताह में कम से कम 1 बार यह करने से बाल मुलायम और चमकदार बन जाते हैं।
पूरी तरह क्षतिग्रस्त और विखण्डित बालों के लिये 1 कप शहद में आधा कप जैतून का तेल और 2 चम्मच नींबू का रस मिला लें तथा 2-3 दिन के लिये रख दें। फिर इस मिश्रण को बालों की जड़ों में अच्छी तरह से मसल लें। इसके बाद चौड़े दांत वाले कंघे से बालों को आगे से पीछे की ओर कंघी करें। अब दुबारा मालिश करें तथा सिर को प्लास्टिक की थैली से ढक दें और उस पर पहले से गर्म किए गए 2-3 छोटे नेपकिन लपेट दें ताकि ताप पैदा हो सके। आधे घंटे बाद बालों को घर पर तैयार किए गए शिकाकाई के मिश्रण या शिकाकाई के साबुन से धो दें। इससे क्षतिग्रस्त बाल तो ठीक हो ही जाएंगे और साथ ही बालों में चमक भी बढ़ जाएगी।
6. बिखरे हुए बाल-
बालों को बढ़ाने के लिये रोजाना सिर में मालिश करनी चाहिए। मालिश करने के लिये अपने खुले बालों पर अपनी सपाट, खुली हथेली को घुमाएं और उंगलियों से बालों को हल्के से खींचते हुए बालों के आखिरी सिरे तक आएं जिससे कि बालों की लड़ियां सी बन जाए। फिर किसी एक स्थान से खिंचाव को शुरू करके हथेली को पीछे की ओर सरकाते जाएं और इसे पूरे सिर पर करें। इससे बालों की जड़ों में खून की रफ्तार बढ़ने से बालों का पोषण बढे़गा और विकास भी। बालों के विकास को बढ़ाने का दूसरा तरीका बालों को रोजाना किसी अच्छे ब्रश से ब्रश करना भी है। पर ध्यान रहें कि ब्रश इतना आरामदायक होना चाहिए कि वह सिर की त्वचा को खरोंचे नहीं। खरोंचने वाले ब्रशों से सिर में जलन होती है और वह इतनी हानि पहुंचाते हैं कि आने वाले समय में बाल झड़ने लगते हैं और व्यक्ति गंजा हो जाता है। बालों में सही तरीके से ब्रश करें तथा बालों का एक फेरा शुरू से आखिरी तक लंबा होना चाहिए। गर्दन के नीचे के हिस्से से शुरू करके धीरे-धीरे सारे सिर पर ब्रश करते हुए शुरुआती जगह पर आएं। इससे सिर पर नए बाल आ जाएंगे और पूरे शरीर को राहत मिलेगी।
बालों को बढ़ाने के लिये अरण्डी का तेल बहुत ज्यादा फायदेमन्द होता है। इस गाढ़े तेल को अपने सिर और बालों पर मसलें तथा बालों में कंघी करें ताकि तेल पूरी तरह से बालों में समा जाएं। अब सिर पर प्लास्टिक की थैली से ढक दें तथा उस पर नेपकिन लपेट दें। लगभग आधे घंटे के बाद बालों को शिकाकाई के घोल या शिकाकाई के साबुन से धो लें। फिर सेब के सिरके या नींबू के रस मिले हुए पानी से धो लें। इस प्रयोग को हर सप्ताह करें। बालों को जल्दी उगाने के लिये बालों के पोषक तत्वों वाली खुराक लें लें। विटामिन `ए`, `बी´ ,`सी´, और `ई´ भी ले लें। कभी-कभी दिमाग में ज्यादा परेशानी होने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं क्योंकि दिमाग में ज्यादा परेशानी होने से मांसपेशियां सिकुड़कर खून की नलियों को भी सिकोड़ देती है जिसकी वजह से बालों तक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते। स्नायुविक तनाव जितना ज्यादा समय तक बढ़ेगा बाल उतने ही समय में झडेंगे। तनावग्रस्त स्नायुओं को कैल्शियम राहत देता है। इसलिए रात को सोने से पहले शहद मिले हुए दूध के साथ कैल्शियम की थोड़ी सी गोलियां लेने से गहरी नींद आती है।
बालों को झड़ने से रोकने के लियें एक प्याज को काटकर एक कप शराब में डाल दें तथा दिन भर वैसा ही रहने दें। फिर कटे हुए प्याज को निकालकर शराब को बोतल में भर लें और रोजाना उससे सिर पर मालिश करें। ऐसा बालों का झड़ना बन्द होने तक करते रहें तथा बाद में सप्ताह में 1 ही बार करें।
7. बारीक बाल-
बारीक या मुलायम बाल ज्यादा लचीले होते हैं जिसकी वजह से ये सिर की त्वचा से चिपके रहते हैं। ऐसे बालों को मजबूत करने के लिये ब्लेण्डर में एक अण्डा, 2 चम्मच अरण्डी का तेल और 1-1 चम्मच सिरका और ग्लिसरीन डालकर मिला लें तथा इससे सिर पर मालिश करें। अब सिर को पहले प्लास्टिक की किसी थैली से ढककर उस पर गर्म तौलिया लपेट लें। आधे घंटे के बाद सिर को धो लें। इससे कुछ ही समय में आपके बाल मोटे और चमकदार बन जाएंगे।
1 अण्डा, 1 चम्मच शहद और नारियल के तेल को मिलाकर बालों में मालिश करें फिर गीले और गर्म तौलिए से सिर को भाप देकर कुछ देर बाद बालों में शैंपू कर लें। यह प्रयोग ऐसे बारीक बालों के लिये बहुत ही लाभकारी है जो लचीले और सूखे रहते हैं। परन्तु ऐसे बालों को एक जगह पर जमाए रखना एक बहुत ही मुश्किल काम है। इसलिए आप अगर अपने बालों को काबू में नहीं कर पा रही तो प्राकृतिक बालों के स्प्रे का इस्तेमाल करें ना कि रासायनिक एयरसोल का क्योंकि वो बालों के साथ-साथ फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे बालों के लिए नींबू का रस सही रहता है। इसके लिए नींबू का रस निचोड़कर बालों में लगाएं। जब बालों में बालों को घुंघराले बनाने वाले उपकरण लगाते हैं तो बाल बहुत सख्त से नजर आते हैं परन्तु जब आप बालों में ब्रश करती हैं तो वे ही बाल मुलायम ओर चमकदार नजर आते हैं। नींबू का रस बड़ी जल्दी सूख जाता है इसलिए आप नींबू के रस को एक स्प्रे करने वाली बोतल में भरकर एक अच्छे बालों की परत के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। दूसरा असरदार हेयर लीक बनाने का तरीका यह है कि नींबुओं को काटकर उनमें इतना पानी डाल दें कि वे उसके अन्दर डूब जाएं। फिर उन्हें नर्म हो जाने तक उबालें। फिर इन्हे ब्लेण्डर में डालकर नींबुओं के बारीक टुकड़े कर लें और घोल को निचोड़कर स्प्रे करने वाली बोतल में भरकर रख लें और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर लें। जिलेटिन भी बारीक बालों का बहुत ही अच्छा लोशन है। 2 कप उबलते हुए पानी में 2 चम्मच जिलेटिन घोलकर उससे सिर को धोएं। चीनी भी बालों को सेट करने के काम में आती है। इसके लिए 1 गिलास उबलते हुए पानी में 1 चम्मच चीनी मिलाकर स्प्रे करने वाली बोतल में भरकर रख लें और बालों की परत के रूप में इस्तेमाल करें।
कई व्यक्तियों में समय से पहले ही यानी कम उम्र मे ही बालों के झड़ने के कारण गंजापन आ जाता है। यह गंजापन शरीर के अन्दर के कारणों या बाहरी कारणों से आ जाता है।8. कम उम्र मे ही बालों का झड़ जाना-
कई व्यक्तियों में समय से पहले ही यानी कम उम्र मे ही बालों के झड़ने के कारण गंजापन आ जाता है। यह गंजापन शरीर के अन्दर के कारणों या बाहरी कारणों से आ जाता है। वैसे तो यह कुपोषण के असर के कारण भी होता है। परन्तु कई बार पुरानी पीढ़ियों से चला आ रहा गंजापन, लंबे समय तक किसी रोग में घिरे रहना, टायफाइड, सिर पर चोट लगने, गर्भावस्था, मासिक धर्म की गड़बड़ी, ज्यादा देर तक धूप मे रहने तथा सिर की त्वचा में गन्दगी जमा होने के कारण भी हो जाता है। अगर भोजन में आयरन की पूरी मात्रा, विटामिन और आयोडीन हो तो यह सिर में जिस जगह पर से बाल झड़ गए हैं वहां के बाल दुबारा उगाने में सफलता प्राप्त हो सकती है। आयोडीन हमारे दिमाग में खून का संचार सही तरह से करता है जिससे बालों के उदगम स्थान, फोलिकल्स का पोषण होता है। जब तक ये फोलिकल्स बिल्कुल ठीक रहते हैं और इन्हे पूरे खून की आपूर्ति होती है तब तक बालों को बढ़ने से कोई भी नहीं रोक सकता। अगर शरीर मे खून की कमी होती है तो दिमाग में खून का संचार कम हो जाता है जिसकी वजह से बाल झड़ने लगते हैं। आयरन की कमी होने के कारण भी खून का संचार कम हो जाता है। यही खून का संचार भोजन में मौजूद कुछ खास तत्वों को सिर की जड़ों तक ले जाता है। ऐसे में कम खून के संचार के कारण तत्वों की आपूर्ति कम हो जाने से बालों की हालत में गिरावट आ जाती है। अगर सिर की त्वचा मैली हो तो भी यह समस्या खड़ी हो जाती है। लगभग 4 साल या उससे कम समय में 1 स्वस्थ बाल झड़ जाता है तथा उस के स्थान पर नया बाल आ जाता है। परन्तु जब सिर की त्वचा की सही से देखभाल न करने के कारण उसमें गन्दगी जम जाती है तो नए बालों को उगने का समय नहीं मिलता है।
सिर की त्वचा में गन्दगी हो जाने के कारण सिर में रूसी पैदा हो जाती है। वैसे रूसी एक फैलने वाली अवस्था होती है जिसे त्वचा, खासकर तैलीय त्वचा में मौजूद कीटाणु पैदा करते हैं। वैसे यह स्वेद ग्रन्थियों द्वारा ज्यादा स्राव किए जाने का भी परिणाम होती है। रूसी की मध्यम समस्या होने पर नींबू के रस में अण्डे की सफेदी को मिलाकर बालों पर लगाकर उसको काबू किया जा सकता है। मालिश करने के आधे घंटे के बाद शिकाकाई से सिर को धोया जा सकता है। पपड़ीदार और खुजलीदार खोपड़ी की त्वचा पर अच्छी तरह विटामिन `ई´ की मालिश करनी चाहिए और सिर पर स्कार्फ पहनकर सोना चाहिए। सुबह उठकर शिकाकाई से सिर को धोने के बाद 2 चम्मच सेब के सिरके या नींबू के रस मिले पानी से दुबारा धो लें। इसको सप्ताह में 2 बार सिर की पपड़ी खत्म हो जाने तक करें। 2 अण्डो की जर्दी को 1 चौथाई गर्म पानी मे मिलाकर बालों में लगाने से रूसी दूर हो जाती है। इसको सिर की त्वचा और बालों में अच्छी तरह मलकर धो लें। आखिरी में 3 चम्मच सेब का सिरका पानी में मिलाकर बालों को धोएं। भोजन की मात्रा पूरी करने के लिए विटामिन बी लें। ब्रेवस यीस्ट की गोलियां, ताजे फल, सब्जियां और प्रोटीन भरपूर मात्रा में खाएं।
9. सफेद बाल-
अगर किसी व्यक्ति के बाल समय से पहले ही सफेद हो जाते हैं तो उसके कई कारण हो सकते हैं परन्तु बहुत से मामलों में ये अनुवांशिक (पुरानी पीढ़ियों से चली आ रही) कारणो से भी होते हैं। कभी-कभी अचानक से कोई शॉक लग जाना, कोई लंबी बीमारी, दिमाग मे परेशानी होने के कारण भी बाल उम्र से पहले ही सफेद हो जाते हैं। थायराइड ग्रन्थि में किसी तरह की परेशानी आने के कारण भी बाल सफेद हो जाते हैं। ऐसे ही पिट्युटरी ग्रन्थि में किसी तरह का रोग हो जाने के कारण भी बालों के सफेद होने की परेशानी आ जाती है। अगर हमारे रोजाना करने वाले भोजन में विटामिन `ए´ और `डी´ पूरी मात्रा में न हो तो भी बाल सफेद हो जाते हैं।
10. सफेद बाल होने पर सावधानी-
अक्सर किसी व्यक्ति के सिर में एक भी सफेद बाल उग आता है तो वह उसे उखाड़ देता है। पर ऐसे बालों को उखाड़ने से और भी सफेद बाल उगने शुरू हो जाते हैं।
बहुत से लोग बालों के सफेद हो जाने पर बालों में डाई या खिजाब लगवाना शुरू कर देते हैं पर ये भी बालों के लिए सही नहीं होता क्योंकि ऐसी डाई या खिजाब में कुछ ऐसे रसायन होते हैं जो औरत और आदमी दोनो के सिर की खोपड़ी की त्वचा पर सूट नहीं करते और फिर उनमें चमड़ी के रोग पैदा हो जाते हैं इसके बाद अगर इनका इस्तेमाल बन्द कर दिया जाए तो पूरे बाल ही सफेद हो जाते हैं। सफेद बालों के लिए सबसे अच्छा है कि 1 चम्मच हाइड्रोजन पैराऑक्साईड में अमोनिया की थोड़ी सी बूंदे मिलाकर ब्लीच की जाए। बालों में इस ब्लीच के सूख जाने के बाद दुबारा इसे लगाएं। महीने में केवल एक बार इस तरह बालों में ब्लीच करने से बाल दुबारा सफेद नजर नहीं आते। डाई के रूप में बालों में मेहन्दी का इस्तेमाल काफी समय से चला आ रहा है। बालों में मेहन्दी लगाने से न तो बालों को कोई नुकसान होता है और न ही सिर की त्वचा में किसी तरह की परेशानी होती हैं। मेहन्दी तो सिर्फ बालों में रंग चढ़ाकर उनको चमकदार और दिखने में अच्छा बनाती है। बालों में मेहन्दी लगाने के बहुत से तरीके हैं-
1 कप गर्म पानी में 1 कप मेहन्दी को मिलाकर उसका लेप बना लें।
1 कप गर्म पानी में चाय की पत्ती को उबालकर उसमें 1 कप मेहन्दी घोल लें।
कॉफी को 1 कप गर्म पानी में डालकर उसमें मेहन्दी घोलकर उसका लेप बना लें।
11. बालों के बारे में कुछ आवश्यक जानकारी-
इन बनाए गए घोलों में से किसी के अन्दर 1 अण्डा और 1 चम्मच एरण्ड का तेल मिला सकते हैं। इसके लिए मेहन्दी के लेप को गर्म पानी में लगभग 10 मिनट के लिए पका लें तथा फिर उसमें अण्डा और तेल मिला लें। जब ये घोल थोड़ा गर्म हो जाए तो हाथों में दस्ताने पहनकर इसे बालों में लगाएं और सिर पर प्लास्टिक की थैली पहन लें। इसके बाद इस घोल को लगभग 3 घंटे के लिए सिर पर लगा रहने दें और फिर सिर को धो लें। मेहन्दी बालों में रंग चढ़ाने के साथ-साथ उनकी कण्डीशनिंग भी करती है और बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाती है।
बालों को खूबसूरत बनाने के लिए चिकित्सा-
बालों में रोजाना तेल से मालिश करें और भाप दें।
बालों में शैंपू बालों के अनुसार ही करना चाहिए जैसे- आपके बाल रूखे हैं, मिले-जुले हैं या तैलीय हैं।
बालों की समय-समय पर ट्रिमिंग करा लें, ताकि आपके बाल दोमुहे न हो।
लंबे सफर में जाते समय सिर पर टोपी, स्कार्फ आदि पहनना न भूलें।
गीले बालों में लचीलापन होता है इसलिए गीले बालों में कंघी ना करें।
टेढ़े-मेढ़े या टूटे हुए दांतोंवाली कंघी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
समय-समय पर बालों की कण्डीशनिंग कराते रहना चाहिए।
हेयर स्प्रे, ड्रायर, रोलर सेटिंग, कर्लिंग रॉड, इलेक्टिक रोलर, क्रीपर का इस्तेमाल कम से कम करें।
बालों पर रसायनों का बहुत ही बुरा असर पड़ता है, इसलिए इनका प्रयोग कम से कम ही करना चाहिए।
अलग-अलग तरह के रफल्स, पिन, हेयर बैण्ड आदि का इस्तेमाल करने से पहले ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि वह कहीं बालों के लिए हानिकारक तो नहीं है।
बालों में किसी भी तरह का संक्रमण होने पर तुरन्त डॉक्टर को दिखाएं। अगर जुएं हो तो उन्हे तुरन्त ही निकलवाने का इन्तजाम करें नहीं तो इनकी संख्या बढ़ सकती है।
अगर आपको बाल कटवाने हो तो हमेशा उम्र, चेहरे के आकार, जलवायु, बालों के प्रकार ओर बालों के व्यास को ध्यान में रखकर ही करें।
प्रोटीन का सेवन सही मात्रा में करना चाहिए। इसके लिए मीट, मुर्गा, मछली, अण्डा, पनीर, दूध, फल, सूखे मेवे, दालें, फलियां और हरी सब्जियों का अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।
ज्यादा वसावाला भोजन सेहत के लिए ही नहीं बल्कि बालों के लिए भी हानिकारक है।
रोजाना किए जानेवाले व्यायामों का भी बालों के विकास और खूबसूरती पर अच्छा असर पड़ता है।
बालों को धोने के बाद तौलिए से झाड़कर न सुखाएं।
सिर पर पसीना आने से सिर में गन्दगी जमा हो जाती है। ऐसे में अगर बालों को ना धोया जाए तो बाल झड़ने लगते हैं।
बाल धोने के लिए ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
अगर आपको लगे कि आपके बाल में रूसी है तो सिर में 10 मिनट तक मालिश करने के बाद बारीक दांतोंवाली कंघी या ब्रश से बालों को बनाएं। इससे रूसी कमजोर पड़ जाएगी और बालों में शैंपू लगाकर रूसी निकालना आसान हो जाएगा। सिर में से रूसी निकालने के लिए अब बालों को अच्छी तरह से धो डालें।
हमेशा अच्छी क्वालिटी के भरोसेमन्द शैंपू का ही इस्तेमाल करें और कण्डीशनिंग करने के लिए सही हेयर कण्डीशनर ही लगाएं। कण्डीशनर भी शैंपू की तरह ही कई प्रकार के होते हैं। ऐसा न करने पर बार-बार बालों में बदलाव आएगा और नतीजा ये होगा कि हर बार नए शैंपू का ही इस्तेमाल करना पड़ेगा। इस बात की भी सावधानी रखनी चाहिए कि अगर किसी समय आपके बालों में `सीबम´ की वजह से ज्यादा चिकनाई आ रही हो तो सूखे बालों का शैंपू इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
बालों को ब्लों-ड्राई करने या सेट करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि बाल सूखे हो नहीं तो बाल भारी हो सकते हैं और उनमे चिपचिपाहट भी जल्दी आ जाएगी। बाल संवारने से पहले कण्डीशनर को भी अच्छी तरह धोकर बालों में से निकाल दें।
शैंपू करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अगर आपके बाल बहुत ज्यादा तैलीय हैं, तो बालों को गीला करने से पहले शैंपू लगा लें।
अगर आपके बाल ज्यादा लंबे हैं, तो कण्डीशनर को बालों के सिरों पर लगाएं और ऊपर की ओर आधे बालों तक फैलाएं। अब बालों में कंघी करने के बाद बालों को अच्छी तरह से धो लें। अगर आपने बालों में ब्लीचिंग की है या बाल बहुत मोटे हों, तो वह जल्दी उलझ जाते हैं। ऐसी स्थिति में इनमें थोड़ी मात्रा में `क्रीमरिन्स´ लगी रहने दें, इससे बालों को सेट करना आसान हो जाए। लंबे बालों को उस समय नहीं बनाना चाहिए जब वो गीले हों। कण्डीशनर का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखें कि प्रोटीनयुक्त कण्डीशनर बालों को ताकत देता है। इसके इस्तेमाल से तैलीय बाल और ज्यादा तैलीय हो जाते हैं। तैलीय बालों की चिकनाई कम करने का एक पुराना तरीका है, बालों में नींबू का रस लगाएं या 1 बड़ा चम्मच सिरका पानी में मिलाएं और बालों को धो लें।
गर्म रोलर के दांतों को टीशू पेपर से ढककर इस्तेमाल करें। इससे बालों की लटें उलझती नहीं और बाल साफ-सुथरे रहते हैं। रोलरों के टीशू पेपर हर सप्ताह बदलते रहें। बालों को सावधानी और सफाई से `रोल´ करें, ताकि बालों में बल न पड़ें। अगर आप चाहती है कि आपके बालों में ज्यादा घुंघरालापन न आए तो बालों को लपेटते समय ज्यादा न कसें। ढीले बालों के लिए बालों के एक भाग में कई रोलर इस्तेमाल करें और बालों को लपेटने के बाद बालों पर `ब्लों-ड्राई लोशन´ या हल्के `सेटिंग स्प्रे´ का छिड़काव करें। बालों को लपेटने से पहले किसी भारी `सेटिंग´ लोशन का इस्तेमाल न करें।
हेयर स्प्रे का इस्तेमाल करते समय इसकी जरूरत को ध्यान में रखें। कठोर `सेटिंग´ के लिए स्प्रे पर निर्भर न रहें। यह पुराना फैशन है तथा इसका बालों पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे बाल ज्यादा सुन्दर नजर आते हैं, जिन्हे आकर्षक शेप´ दी गई हो और जो इधर-उधर उछाल लेते हों।
छुटि्टयों के दिन ब्लीच किए गए, टूटे-फूटे या बदरंग बालों पर स्कार्फ लपेटें। अगर आप तैरने के शौकीन है तो तैरकर आने के बाद बालों को साफ पानी से धो लें।
हर डेढ़-दो महीनों के बाद `टेपर कटिंग´ करवाएं। अगर आप बालों को लंबा रखना चाहती हो, तो भी यह कटिंग जरूरी है नहीं तो बाल दोमुहे हो सकते हैं।
अपना हेयर स्टाइल कभी-कभी बदल लेना चाहिए। नये हेयर स्टाइल सभी देखने वालों के लिए आकर्षण का केन्द्र होते हैं
बाल किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का आईना होता है। बालों से आपका स्वास्थ्य कैसा है इसका भी पता चलता है। स्वस्थ, सुन्दर, लंबे, घने और चमकदार बाल आपको सुन्दर और आकर्षक बनाते हैं। बालों को फैशन के अनुसार ही अलग-अलग स्टाइलों में बनाया जाता है। खूबसूरती को उजागर करते बाल काले और घने हों तो किसी का भी पूरा सौन्दर्य ही खिल उठता है। किसी समय में कमर तक झूलती चमकती काली चोटी भारतीय नारी की पहचान थी। लेकिन आज के समय में वक्त की कमी, बढ़ती हुई दिमाग की परेशानी, वायु प्रदूषण, बालों की देखभाल में बरती जाने वाली लापरवाही आदि कई ऐसे कारण है, जिनकी वजह से बालों की स्थिति ज्यादा खराब ही देखने को मिलती है।
हमारे बाल केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं। प्रोटीन हमारे बालों में होता है। इससे साफ पता चलता है हमारे भोजन में प्रोटीन का बहुत महत्व है। दूसरे अंगों की अपेक्षा सिर पर उगनेवाले बालों की बढ़ोतरी जल्दी और ज्यादा होती है। आमतौर पर हर महीने बालों की लंबाई में 1.25 सेमीमीटर की बढ़ोतरी होती है। बालों का बढ़ना व्यक्ति की उम्र, लिंग, मौसम और अनुवांशिक कारणों पर निर्भर करता है। बालों के विशेषज्ञों का मानना है कि बालों की लंबाई से ज्यादा बालों के स्वास्थ्य को महत्व दिया जाना चाहिए। स्वस्थ, सुन्दर, लचीले बाल भले ही छोटे हो, परन्तु देखने वालों पर यह अच्छा प्रभाव छोड़ते हैं। दोमुंहे, बिखरे और रूखे बाल चाहे कितने ही लंबे क्यों न हो अच्छे नहीं लगते हैं।
बालों को खूबसूरत बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय-
1. बालों की देखभाल-
आज के मॉर्डन युग में हर कोई खूबसूरत दिखने की चाह में दौड़ रहा है चाहे उसे खूबसूरत दिखने के लिये कितना कुछ भी क्यों न करना पड़े। वह नहीं चाहता कि उसके शरीर का कोई भी अंग ऐसा हो जिसे देखकर लोग मुंह बनाए और शरीर के इन्हीं जरूरी अंगों में से एक है बाल, क्योंकि बालों को सिर का दमकता ताज कहा जाता है और इसके लिये जरूरी है बालों की सही तरीके से देखभाल। बालों को सुन्दर और मजबूत बनाने के लिये प्रोटीन, विटामिन-बी, लौह तत्व और आयोडीन पूरी मात्रा में लेने चाहिए। विटामिन बी बालों को पतला और सफेद होने से बचाता है। पूरी मात्रा में विटामिन और प्रोटीन के साथ आपको दही भी खाना चाहिए क्योंकि दही हमारे भोजन पचाने की क्रिया में कुछ ऐसे अम्लों को पैदा करता है जो बालों को सफेद न होने देकर उनका प्राकृतिक रंग बनाए रखते हैं। बालों के पोषण के अलावा उनकी प्रकृति को जानना भी बहुत जरूरी है ताकि उसी के अनुसार आप बालों की सही तरीके से देखभाल कर सकें।
रोजाना करने वाले भोजन में ज्यादा तेल होने की वजह से बाल रूखे-सूखे हो जाते हैं। अगर ऐसे बालों का सही तरीके से और सही समय पर उपचार नहीं कराया जाएगा2. रूखे-सूखे बाल-
रोजाना करने वाले भोजन में ज्यादा तेल होने की वजह से बाल रूखे-सूखे हो जाते हैं। अगर ऐसे बालों का सही तरीके से और सही समय पर उपचार नहीं कराया जाएगा तो हमारे बाल दोमुंहे हो जाएंगे और पूरे सिर में रूसी हो जाएगी। सूखे बालों को ठीक करने के लिये रोजाना सिर पर जैतून या बादाम के तेल को गर्म करके उससे अच्छी तरह से मालिश करनी चाहिए।
3. बालों को खूबसूरत बनाने के लिए मालिश करने की विधि-
मालिश सबसे पहले सिर के बीच से शुरू करनी चाहिए। पहले उंगलियों के पोरों को स्थिर रखते हुए माथे की त्वचा को आगे-पीछे गति दें। इसके बाद उंगलियों से सिर की बहुत अच्छी तरह से मालिश करें। इस तरह की मालिश माथे के पीछे की ओर, कानों के पीछे और गर्दन के नीचे तक करें। लगभग 15 मिनट तक इस तरह से मालिश करने के बाद माथे को गर्मी पहुंचाने के लिये थैली से ढक दें। नहीं तो पहले से 2-3 छोटी नेपकिन को मुंह बन्द उबलने वाले बर्तन के ऊपर गर्म करके रख लें तथा उन्हें फिर प्लास्टिक की थैली पर लपेट दें। यह इसलिये होता है कि खोपडी ऊपर से ज्यादा गर्म रह सके और तेल त्वचा में समा सके। इसके आधे घंटे बाद सिर को शिकाकाई से धो लें। आप चाहें तो घर पर ही शिकाकाई का घोल तैयार कर सकते हैं। इसके लिए 6 कप पानी में 1 कप शिकाकाई के बीजों को डालकर उबाल लें तथा देख लें कि बीज नर्म हो गए या नहीं। बीजों के ठण्डे हो जाने पर उन्हें तब तक मसलें जब तक कि उनमें झाग पैदा न हो जाए। अब उस घोल को बारीक कपड़े में छानकर बालों को धोने के लिये इस्तेमाल कर सकती हैं। वैसे अगर आप चाहे तो शिकाकाई का साबुन भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
सूखे बालों को न तो रंगे और न ही उन पर पर्म या ब्लीच करें। उनमे हल्के हाथों से बालों की जड़ों पर से कंघी करें तथा मुलायम ब्रश से समतल पर संजीवता प्रदान करें। स्कार्फ पहने बिना ज्यादा देर तक धूप में न रहें तथा तैरते समय सिर को कनटाप से ढक लें। इन सबके साथ रोजाना सूप, दाल, चावल या दूध में 2-3 चम्मच मक्खन, घी या तेल मिलाकर खाएं। साथ में विटामिन `ए´ और विटामिन `ई´ की गोलियां खा लें।
जिन लोगों की त्वचा तैलीय होते हैं उनके बाल भी तैलीय हो जाते हैंं और अगर उन्हे अच्छी तरह साफ न रखा जाए तो सिर में रूसी के साथ-साथ त्वचा पर संक्रमण का खतरा भी हो जाता है।4. तैलीय बाल-
जिन लोगों की त्वचा तैलीय होते हैं उनके बाल भी तैलीय हो जाते हैंं और अगर उन्हे अच्छी तरह साफ न रखा जाए तो सिर में रूसी के साथ-साथ त्वचा पर संक्रमण का खतरा भी हो जाता है। ऐसे बालों के लिए गर्म पानी में मुलतानी मिट्टी मिलाकर धोने से लाभ होता है। गर्म पानी चिकनेपन को बढ़ाता है। इसके लिए मुलतानी मिट्टी को किसी बर्तन में भिगोकर रख दें तथा उस के मुलायम हो जाने उसमें एक बड़े नींबू का रस मिला दें। फिर उस घोल को अपने सिर पर मसलकर आधे घंटे के लिये यूं ही छोड़ दें। आधे घंटे के बाद सिर को पहले गर्म पानी से और बाद में ठण्डे पानी से धो लें। आखिर में 2 चम्मच सेब का सिरका या नींबू के रस को पानी में मिलाकर बालों को धोएं। इससे एक तो बालों में से फालतू तेल बाहर निकल जाएगा और दूसरा जलती गर्मी के मौसम में सिर ठण्डा रहेगा। इससे न तो घमौरियां निकलेगी और न ही लू लगेगी। चने का आटा भी मुलतानी मिट्टी की ही तरह तैलीयता को खत्म करता है। इसे भी मुलतानी मिट्टी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। भोजन में तले हुए और ज्यादा मिर्च-मसाले वाले पदार्थों का कम से कम उपयोग करना चाहिये।
बालों को बार-बार ब्लीच करने और रंगने तथा हेयर ड्रायर और बालों को घुंघराले करने वाले उपकरणों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से बाल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। 5. क्षतिग्रस्त बाल-
बालों को बार-बार ब्लीच करने और रंगने तथा हेयर ड्रायर और बालों को घुंघराले करने वाले उपकरणों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से बाल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। 3 भागों में विभक्त होने वाले बालों को विखण्डित बाल कहा जाता है। ऐसे बालों को समय-समय पर कटवाते रहना चाहिए जिससे कि वे और विभक्त न हो सके।
विखण्डित बालों को अण्डे के शैंपू से धोना चाहिए। अण्डे का शैंपू बनाने के लिए ब्लेण्डर में 1 अण्डा, 3 चम्मच नींबू का रस या सेब का सिरका, चुटकी भर नमक और चौथाई कप जैतून का तेल डालकर ज्यादा तेजी से चलाएं ताकि सभी चीजें अच्छी तरह से मिलकर गाढ़ी बन जाए। अब चलते हुए ब्लेण्डर के बीच का ढक्कन खोलकर उसमें चौथाई कप तेल और डाल दें। मिश्रण के पूरी तरह से तैयार होने पर उसे हल्के हाथों से सिर की त्वचा पर मलें तथा आधे घंटे तक सूखने दें। सप्ताह में कम से कम 1 बार यह करने से बाल मुलायम और चमकदार बन जाते हैं।
पूरी तरह क्षतिग्रस्त और विखण्डित बालों के लिये 1 कप शहद में आधा कप जैतून का तेल और 2 चम्मच नींबू का रस मिला लें तथा 2-3 दिन के लिये रख दें। फिर इस मिश्रण को बालों की जड़ों में अच्छी तरह से मसल लें। इसके बाद चौड़े दांत वाले कंघे से बालों को आगे से पीछे की ओर कंघी करें। अब दुबारा मालिश करें तथा सिर को प्लास्टिक की थैली से ढक दें और उस पर पहले से गर्म किए गए 2-3 छोटे नेपकिन लपेट दें ताकि ताप पैदा हो सके। आधे घंटे बाद बालों को घर पर तैयार किए गए शिकाकाई के मिश्रण या शिकाकाई के साबुन से धो दें। इससे क्षतिग्रस्त बाल तो ठीक हो ही जाएंगे और साथ ही बालों में चमक भी बढ़ जाएगी।
6. बिखरे हुए बाल-
बालों को बढ़ाने के लिये रोजाना सिर में मालिश करनी चाहिए। मालिश करने के लिये अपने खुले बालों पर अपनी सपाट, खुली हथेली को घुमाएं और उंगलियों से बालों को हल्के से खींचते हुए बालों के आखिरी सिरे तक आएं जिससे कि बालों की लड़ियां सी बन जाए। फिर किसी एक स्थान से खिंचाव को शुरू करके हथेली को पीछे की ओर सरकाते जाएं और इसे पूरे सिर पर करें। इससे बालों की जड़ों में खून की रफ्तार बढ़ने से बालों का पोषण बढे़गा और विकास भी। बालों के विकास को बढ़ाने का दूसरा तरीका बालों को रोजाना किसी अच्छे ब्रश से ब्रश करना भी है। पर ध्यान रहें कि ब्रश इतना आरामदायक होना चाहिए कि वह सिर की त्वचा को खरोंचे नहीं। खरोंचने वाले ब्रशों से सिर में जलन होती है और वह इतनी हानि पहुंचाते हैं कि आने वाले समय में बाल झड़ने लगते हैं और व्यक्ति गंजा हो जाता है। बालों में सही तरीके से ब्रश करें तथा बालों का एक फेरा शुरू से आखिरी तक लंबा होना चाहिए। गर्दन के नीचे के हिस्से से शुरू करके धीरे-धीरे सारे सिर पर ब्रश करते हुए शुरुआती जगह पर आएं। इससे सिर पर नए बाल आ जाएंगे और पूरे शरीर को राहत मिलेगी।
बालों को बढ़ाने के लिये अरण्डी का तेल बहुत ज्यादा फायदेमन्द होता है। इस गाढ़े तेल को अपने सिर और बालों पर मसलें तथा बालों में कंघी करें ताकि तेल पूरी तरह से बालों में समा जाएं। अब सिर पर प्लास्टिक की थैली से ढक दें तथा उस पर नेपकिन लपेट दें। लगभग आधे घंटे के बाद बालों को शिकाकाई के घोल या शिकाकाई के साबुन से धो लें। फिर सेब के सिरके या नींबू के रस मिले हुए पानी से धो लें। इस प्रयोग को हर सप्ताह करें। बालों को जल्दी उगाने के लिये बालों के पोषक तत्वों वाली खुराक लें लें। विटामिन `ए`, `बी´ ,`सी´, और `ई´ भी ले लें। कभी-कभी दिमाग में ज्यादा परेशानी होने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं क्योंकि दिमाग में ज्यादा परेशानी होने से मांसपेशियां सिकुड़कर खून की नलियों को भी सिकोड़ देती है जिसकी वजह से बालों तक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते। स्नायुविक तनाव जितना ज्यादा समय तक बढ़ेगा बाल उतने ही समय में झडेंगे। तनावग्रस्त स्नायुओं को कैल्शियम राहत देता है। इसलिए रात को सोने से पहले शहद मिले हुए दूध के साथ कैल्शियम की थोड़ी सी गोलियां लेने से गहरी नींद आती है।
बालों को झड़ने से रोकने के लियें एक प्याज को काटकर एक कप शराब में डाल दें तथा दिन भर वैसा ही रहने दें। फिर कटे हुए प्याज को निकालकर शराब को बोतल में भर लें और रोजाना उससे सिर पर मालिश करें। ऐसा बालों का झड़ना बन्द होने तक करते रहें तथा बाद में सप्ताह में 1 ही बार करें।
7. बारीक बाल-
बारीक या मुलायम बाल ज्यादा लचीले होते हैं जिसकी वजह से ये सिर की त्वचा से चिपके रहते हैं। ऐसे बालों को मजबूत करने के लिये ब्लेण्डर में एक अण्डा, 2 चम्मच अरण्डी का तेल और 1-1 चम्मच सिरका और ग्लिसरीन डालकर मिला लें तथा इससे सिर पर मालिश करें। अब सिर को पहले प्लास्टिक की किसी थैली से ढककर उस पर गर्म तौलिया लपेट लें। आधे घंटे के बाद सिर को धो लें। इससे कुछ ही समय में आपके बाल मोटे और चमकदार बन जाएंगे।
1 अण्डा, 1 चम्मच शहद और नारियल के तेल को मिलाकर बालों में मालिश करें फिर गीले और गर्म तौलिए से सिर को भाप देकर कुछ देर बाद बालों में शैंपू कर लें। यह प्रयोग ऐसे बारीक बालों के लिये बहुत ही लाभकारी है जो लचीले और सूखे रहते हैं। परन्तु ऐसे बालों को एक जगह पर जमाए रखना एक बहुत ही मुश्किल काम है। इसलिए आप अगर अपने बालों को काबू में नहीं कर पा रही तो प्राकृतिक बालों के स्प्रे का इस्तेमाल करें ना कि रासायनिक एयरसोल का क्योंकि वो बालों के साथ-साथ फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे बालों के लिए नींबू का रस सही रहता है। इसके लिए नींबू का रस निचोड़कर बालों में लगाएं। जब बालों में बालों को घुंघराले बनाने वाले उपकरण लगाते हैं तो बाल बहुत सख्त से नजर आते हैं परन्तु जब आप बालों में ब्रश करती हैं तो वे ही बाल मुलायम ओर चमकदार नजर आते हैं। नींबू का रस बड़ी जल्दी सूख जाता है इसलिए आप नींबू के रस को एक स्प्रे करने वाली बोतल में भरकर एक अच्छे बालों की परत के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। दूसरा असरदार हेयर लीक बनाने का तरीका यह है कि नींबुओं को काटकर उनमें इतना पानी डाल दें कि वे उसके अन्दर डूब जाएं। फिर उन्हें नर्म हो जाने तक उबालें। फिर इन्हे ब्लेण्डर में डालकर नींबुओं के बारीक टुकड़े कर लें और घोल को निचोड़कर स्प्रे करने वाली बोतल में भरकर रख लें और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर लें। जिलेटिन भी बारीक बालों का बहुत ही अच्छा लोशन है। 2 कप उबलते हुए पानी में 2 चम्मच जिलेटिन घोलकर उससे सिर को धोएं। चीनी भी बालों को सेट करने के काम में आती है। इसके लिए 1 गिलास उबलते हुए पानी में 1 चम्मच चीनी मिलाकर स्प्रे करने वाली बोतल में भरकर रख लें और बालों की परत के रूप में इस्तेमाल करें।
कई व्यक्तियों में समय से पहले ही यानी कम उम्र मे ही बालों के झड़ने के कारण गंजापन आ जाता है। यह गंजापन शरीर के अन्दर के कारणों या बाहरी कारणों से आ जाता है।8. कम उम्र मे ही बालों का झड़ जाना-
कई व्यक्तियों में समय से पहले ही यानी कम उम्र मे ही बालों के झड़ने के कारण गंजापन आ जाता है। यह गंजापन शरीर के अन्दर के कारणों या बाहरी कारणों से आ जाता है। वैसे तो यह कुपोषण के असर के कारण भी होता है। परन्तु कई बार पुरानी पीढ़ियों से चला आ रहा गंजापन, लंबे समय तक किसी रोग में घिरे रहना, टायफाइड, सिर पर चोट लगने, गर्भावस्था, मासिक धर्म की गड़बड़ी, ज्यादा देर तक धूप मे रहने तथा सिर की त्वचा में गन्दगी जमा होने के कारण भी हो जाता है। अगर भोजन में आयरन की पूरी मात्रा, विटामिन और आयोडीन हो तो यह सिर में जिस जगह पर से बाल झड़ गए हैं वहां के बाल दुबारा उगाने में सफलता प्राप्त हो सकती है। आयोडीन हमारे दिमाग में खून का संचार सही तरह से करता है जिससे बालों के उदगम स्थान, फोलिकल्स का पोषण होता है। जब तक ये फोलिकल्स बिल्कुल ठीक रहते हैं और इन्हे पूरे खून की आपूर्ति होती है तब तक बालों को बढ़ने से कोई भी नहीं रोक सकता। अगर शरीर मे खून की कमी होती है तो दिमाग में खून का संचार कम हो जाता है जिसकी वजह से बाल झड़ने लगते हैं। आयरन की कमी होने के कारण भी खून का संचार कम हो जाता है। यही खून का संचार भोजन में मौजूद कुछ खास तत्वों को सिर की जड़ों तक ले जाता है। ऐसे में कम खून के संचार के कारण तत्वों की आपूर्ति कम हो जाने से बालों की हालत में गिरावट आ जाती है। अगर सिर की त्वचा मैली हो तो भी यह समस्या खड़ी हो जाती है। लगभग 4 साल या उससे कम समय में 1 स्वस्थ बाल झड़ जाता है तथा उस के स्थान पर नया बाल आ जाता है। परन्तु जब सिर की त्वचा की सही से देखभाल न करने के कारण उसमें गन्दगी जम जाती है तो नए बालों को उगने का समय नहीं मिलता है।
सिर की त्वचा में गन्दगी हो जाने के कारण सिर में रूसी पैदा हो जाती है। वैसे रूसी एक फैलने वाली अवस्था होती है जिसे त्वचा, खासकर तैलीय त्वचा में मौजूद कीटाणु पैदा करते हैं। वैसे यह स्वेद ग्रन्थियों द्वारा ज्यादा स्राव किए जाने का भी परिणाम होती है। रूसी की मध्यम समस्या होने पर नींबू के रस में अण्डे की सफेदी को मिलाकर बालों पर लगाकर उसको काबू किया जा सकता है। मालिश करने के आधे घंटे के बाद शिकाकाई से सिर को धोया जा सकता है। पपड़ीदार और खुजलीदार खोपड़ी की त्वचा पर अच्छी तरह विटामिन `ई´ की मालिश करनी चाहिए और सिर पर स्कार्फ पहनकर सोना चाहिए। सुबह उठकर शिकाकाई से सिर को धोने के बाद 2 चम्मच सेब के सिरके या नींबू के रस मिले पानी से दुबारा धो लें। इसको सप्ताह में 2 बार सिर की पपड़ी खत्म हो जाने तक करें। 2 अण्डो की जर्दी को 1 चौथाई गर्म पानी मे मिलाकर बालों में लगाने से रूसी दूर हो जाती है। इसको सिर की त्वचा और बालों में अच्छी तरह मलकर धो लें। आखिरी में 3 चम्मच सेब का सिरका पानी में मिलाकर बालों को धोएं। भोजन की मात्रा पूरी करने के लिए विटामिन बी लें। ब्रेवस यीस्ट की गोलियां, ताजे फल, सब्जियां और प्रोटीन भरपूर मात्रा में खाएं।
9. सफेद बाल-
अगर किसी व्यक्ति के बाल समय से पहले ही सफेद हो जाते हैं तो उसके कई कारण हो सकते हैं परन्तु बहुत से मामलों में ये अनुवांशिक (पुरानी पीढ़ियों से चली आ रही) कारणो से भी होते हैं। कभी-कभी अचानक से कोई शॉक लग जाना, कोई लंबी बीमारी, दिमाग मे परेशानी होने के कारण भी बाल उम्र से पहले ही सफेद हो जाते हैं। थायराइड ग्रन्थि में किसी तरह की परेशानी आने के कारण भी बाल सफेद हो जाते हैं। ऐसे ही पिट्युटरी ग्रन्थि में किसी तरह का रोग हो जाने के कारण भी बालों के सफेद होने की परेशानी आ जाती है। अगर हमारे रोजाना करने वाले भोजन में विटामिन `ए´ और `डी´ पूरी मात्रा में न हो तो भी बाल सफेद हो जाते हैं।
10. सफेद बाल होने पर सावधानी-
अक्सर किसी व्यक्ति के सिर में एक भी सफेद बाल उग आता है तो वह उसे उखाड़ देता है। पर ऐसे बालों को उखाड़ने से और भी सफेद बाल उगने शुरू हो जाते हैं।
बहुत से लोग बालों के सफेद हो जाने पर बालों में डाई या खिजाब लगवाना शुरू कर देते हैं पर ये भी बालों के लिए सही नहीं होता क्योंकि ऐसी डाई या खिजाब में कुछ ऐसे रसायन होते हैं जो औरत और आदमी दोनो के सिर की खोपड़ी की त्वचा पर सूट नहीं करते और फिर उनमें चमड़ी के रोग पैदा हो जाते हैं इसके बाद अगर इनका इस्तेमाल बन्द कर दिया जाए तो पूरे बाल ही सफेद हो जाते हैं। सफेद बालों के लिए सबसे अच्छा है कि 1 चम्मच हाइड्रोजन पैराऑक्साईड में अमोनिया की थोड़ी सी बूंदे मिलाकर ब्लीच की जाए। बालों में इस ब्लीच के सूख जाने के बाद दुबारा इसे लगाएं। महीने में केवल एक बार इस तरह बालों में ब्लीच करने से बाल दुबारा सफेद नजर नहीं आते। डाई के रूप में बालों में मेहन्दी का इस्तेमाल काफी समय से चला आ रहा है। बालों में मेहन्दी लगाने से न तो बालों को कोई नुकसान होता है और न ही सिर की त्वचा में किसी तरह की परेशानी होती हैं। मेहन्दी तो सिर्फ बालों में रंग चढ़ाकर उनको चमकदार और दिखने में अच्छा बनाती है। बालों में मेहन्दी लगाने के बहुत से तरीके हैं-
1 कप गर्म पानी में 1 कप मेहन्दी को मिलाकर उसका लेप बना लें।
1 कप गर्म पानी में चाय की पत्ती को उबालकर उसमें 1 कप मेहन्दी घोल लें।
कॉफी को 1 कप गर्म पानी में डालकर उसमें मेहन्दी घोलकर उसका लेप बना लें।
11. बालों के बारे में कुछ आवश्यक जानकारी-
इन बनाए गए घोलों में से किसी के अन्दर 1 अण्डा और 1 चम्मच एरण्ड का तेल मिला सकते हैं। इसके लिए मेहन्दी के लेप को गर्म पानी में लगभग 10 मिनट के लिए पका लें तथा फिर उसमें अण्डा और तेल मिला लें। जब ये घोल थोड़ा गर्म हो जाए तो हाथों में दस्ताने पहनकर इसे बालों में लगाएं और सिर पर प्लास्टिक की थैली पहन लें। इसके बाद इस घोल को लगभग 3 घंटे के लिए सिर पर लगा रहने दें और फिर सिर को धो लें। मेहन्दी बालों में रंग चढ़ाने के साथ-साथ उनकी कण्डीशनिंग भी करती है और बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाती है।
बालों को खूबसूरत बनाने के लिए चिकित्सा-
बालों में रोजाना तेल से मालिश करें और भाप दें।
बालों में शैंपू बालों के अनुसार ही करना चाहिए जैसे- आपके बाल रूखे हैं, मिले-जुले हैं या तैलीय हैं।
बालों की समय-समय पर ट्रिमिंग करा लें, ताकि आपके बाल दोमुहे न हो।
लंबे सफर में जाते समय सिर पर टोपी, स्कार्फ आदि पहनना न भूलें।
गीले बालों में लचीलापन होता है इसलिए गीले बालों में कंघी ना करें।
टेढ़े-मेढ़े या टूटे हुए दांतोंवाली कंघी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
समय-समय पर बालों की कण्डीशनिंग कराते रहना चाहिए।
हेयर स्प्रे, ड्रायर, रोलर सेटिंग, कर्लिंग रॉड, इलेक्टिक रोलर, क्रीपर का इस्तेमाल कम से कम करें।
बालों पर रसायनों का बहुत ही बुरा असर पड़ता है, इसलिए इनका प्रयोग कम से कम ही करना चाहिए।
अलग-अलग तरह के रफल्स, पिन, हेयर बैण्ड आदि का इस्तेमाल करने से पहले ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि वह कहीं बालों के लिए हानिकारक तो नहीं है।
बालों में किसी भी तरह का संक्रमण होने पर तुरन्त डॉक्टर को दिखाएं। अगर जुएं हो तो उन्हे तुरन्त ही निकलवाने का इन्तजाम करें नहीं तो इनकी संख्या बढ़ सकती है।
अगर आपको बाल कटवाने हो तो हमेशा उम्र, चेहरे के आकार, जलवायु, बालों के प्रकार ओर बालों के व्यास को ध्यान में रखकर ही करें।
प्रोटीन का सेवन सही मात्रा में करना चाहिए। इसके लिए मीट, मुर्गा, मछली, अण्डा, पनीर, दूध, फल, सूखे मेवे, दालें, फलियां और हरी सब्जियों का अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।
ज्यादा वसावाला भोजन सेहत के लिए ही नहीं बल्कि बालों के लिए भी हानिकारक है।
रोजाना किए जानेवाले व्यायामों का भी बालों के विकास और खूबसूरती पर अच्छा असर पड़ता है।
बालों को धोने के बाद तौलिए से झाड़कर न सुखाएं।
सिर पर पसीना आने से सिर में गन्दगी जमा हो जाती है। ऐसे में अगर बालों को ना धोया जाए तो बाल झड़ने लगते हैं।
बाल धोने के लिए ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
अगर आपको लगे कि आपके बाल में रूसी है तो सिर में 10 मिनट तक मालिश करने के बाद बारीक दांतोंवाली कंघी या ब्रश से बालों को बनाएं। इससे रूसी कमजोर पड़ जाएगी और बालों में शैंपू लगाकर रूसी निकालना आसान हो जाएगा। सिर में से रूसी निकालने के लिए अब बालों को अच्छी तरह से धो डालें।
हमेशा अच्छी क्वालिटी के भरोसेमन्द शैंपू का ही इस्तेमाल करें और कण्डीशनिंग करने के लिए सही हेयर कण्डीशनर ही लगाएं। कण्डीशनर भी शैंपू की तरह ही कई प्रकार के होते हैं। ऐसा न करने पर बार-बार बालों में बदलाव आएगा और नतीजा ये होगा कि हर बार नए शैंपू का ही इस्तेमाल करना पड़ेगा। इस बात की भी सावधानी रखनी चाहिए कि अगर किसी समय आपके बालों में `सीबम´ की वजह से ज्यादा चिकनाई आ रही हो तो सूखे बालों का शैंपू इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
बालों को ब्लों-ड्राई करने या सेट करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि बाल सूखे हो नहीं तो बाल भारी हो सकते हैं और उनमे चिपचिपाहट भी जल्दी आ जाएगी। बाल संवारने से पहले कण्डीशनर को भी अच्छी तरह धोकर बालों में से निकाल दें।
शैंपू करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अगर आपके बाल बहुत ज्यादा तैलीय हैं, तो बालों को गीला करने से पहले शैंपू लगा लें।
अगर आपके बाल ज्यादा लंबे हैं, तो कण्डीशनर को बालों के सिरों पर लगाएं और ऊपर की ओर आधे बालों तक फैलाएं। अब बालों में कंघी करने के बाद बालों को अच्छी तरह से धो लें। अगर आपने बालों में ब्लीचिंग की है या बाल बहुत मोटे हों, तो वह जल्दी उलझ जाते हैं। ऐसी स्थिति में इनमें थोड़ी मात्रा में `क्रीमरिन्स´ लगी रहने दें, इससे बालों को सेट करना आसान हो जाए। लंबे बालों को उस समय नहीं बनाना चाहिए जब वो गीले हों। कण्डीशनर का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखें कि प्रोटीनयुक्त कण्डीशनर बालों को ताकत देता है। इसके इस्तेमाल से तैलीय बाल और ज्यादा तैलीय हो जाते हैं। तैलीय बालों की चिकनाई कम करने का एक पुराना तरीका है, बालों में नींबू का रस लगाएं या 1 बड़ा चम्मच सिरका पानी में मिलाएं और बालों को धो लें।
गर्म रोलर के दांतों को टीशू पेपर से ढककर इस्तेमाल करें। इससे बालों की लटें उलझती नहीं और बाल साफ-सुथरे रहते हैं। रोलरों के टीशू पेपर हर सप्ताह बदलते रहें। बालों को सावधानी और सफाई से `रोल´ करें, ताकि बालों में बल न पड़ें। अगर आप चाहती है कि आपके बालों में ज्यादा घुंघरालापन न आए तो बालों को लपेटते समय ज्यादा न कसें। ढीले बालों के लिए बालों के एक भाग में कई रोलर इस्तेमाल करें और बालों को लपेटने के बाद बालों पर `ब्लों-ड्राई लोशन´ या हल्के `सेटिंग स्प्रे´ का छिड़काव करें। बालों को लपेटने से पहले किसी भारी `सेटिंग´ लोशन का इस्तेमाल न करें।
हेयर स्प्रे का इस्तेमाल करते समय इसकी जरूरत को ध्यान में रखें। कठोर `सेटिंग´ के लिए स्प्रे पर निर्भर न रहें। यह पुराना फैशन है तथा इसका बालों पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे बाल ज्यादा सुन्दर नजर आते हैं, जिन्हे आकर्षक शेप´ दी गई हो और जो इधर-उधर उछाल लेते हों।
छुटि्टयों के दिन ब्लीच किए गए, टूटे-फूटे या बदरंग बालों पर स्कार्फ लपेटें। अगर आप तैरने के शौकीन है तो तैरकर आने के बाद बालों को साफ पानी से धो लें।
हर डेढ़-दो महीनों के बाद `टेपर कटिंग´ करवाएं। अगर आप बालों को लंबा रखना चाहती हो, तो भी यह कटिंग जरूरी है नहीं तो बाल दोमुहे हो सकते हैं।
अपना हेयर स्टाइल कभी-कभी बदल लेना चाहिए। नये हेयर स्टाइल सभी देखने वालों के लिए आकर्षण का केन्द्र होते हैं
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