यह प्रोस्टेट ग्रंथि के नीचे और मूत्रमार्ग के दोनों ओर छोटी-छोटी ग्रंथियां होती है। इनमें नलिकाएं होती है जो मूत्रमार्ग में खुलती है। इन ग्रंथियों से भी एक तरल निकलता है जो वीर्य के निर्माण में सहायक होता है। संभोगक्रिया से पहले कामोत्तेजित हो जाने पर लिंग में से एक गन्धहीन, रंगहीन कुछ गाढ़ा सा चिपचिपा तरल निकलता है। यह इन्ही का स्राव होता है, जो क्षारीय होता है। मूत्रमार्ग अम्लीय होता है जिससे शुक्राणु नष्ट हो सकते हैं इसलिए संभोगक्रिया से पहले इन ग्रंथियों से निकलने वाला स्राव मूत्रमार्ग को क्षारीय बना देता है जिससे शुक्राणु नष्ट न हो।
Thanks For Reading
Sex Therepi Blog
Post a Comment