अधिवृषण (epididymis) शुक्राशयों (seminal vesicles)
प्रोस्टेट ग्रंथि एवं काउपर ग्रंथियों के स्राव वृषण से आये शुक्राणुओं के साथ मिलकर वीर्य बनाते हैं। वीर्य में लगभग 1 प्रतिशत शुक्राणु होते हैं और 90 प्रतिशत जल होता है। इसके बाकी भाग में फ्रेक्टोज,
विटामिन सी एवं इनोसिटॉल,
कैल्सियम , जिंक, मैग्नीशियम, कॉपर एवं सल्फर जैसे लवण मौजूद रहते हैं। वीर्य में प्रोस्टेग्लैण्डिन्स की सांद्रता सबसे ज्यादा रहती है। वीर्य में गंध वृषण में निर्मित एमिंस (amines) के कारण पैदा होती है। एक बार के स्खलन में औसतन 3-4 मिलीलीटर वीर्य निकलता है जिसमें 300 से 500 मिलियन शुक्राणु रहते हैं।
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