परिचय-
किसी भी व्यक्ति को अपनी और आकर्षित करने और चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने में आंखों का सबसे पहला स्थान है, क्योंकि किसी भी स्त्री को पहली बार देखने पर सबसे पहली नजर उसकी आंखों पर ही पड़ती है। आंखे चेहरे को आकर्षक और रोबीला बनाती है। आंखों को सुन्दर और आकर्षक दिखाने के लिए स्त्रियां न जाने कितनी ही कोशिश करती है। आंखों के मेकअप में जहां क्रीम, पाउडर (आई-शैडो) मस्कारा, आई-लाइनर का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं आंखों को नशीला और झील सा गहरा दिखाने के लिए दुल्हन का मेकअप नकली पलकें लगाकर किया जाता है।
हमारे हिन्दुस्तान की महिलाएं पलकों के मामलें में बहुत ही खुशनसीब है, क्योंकि सामान्यत: उनकी आंखों पर सुन्दर और लंबी पलकें कुदरती रूप में होती है। फिर भी अगर आपकी पलकें छोटी और कुछ कम आकर्षक हों तो नकली पलकों को लगाकर आंखों के मेकअप को पूरा किया जा सकता है। वैसे तो आज के मॉर्डन युग में मेकअप की तकनीक से पलकों की पर्मिंग करके नकली पलकों को रोप दिया जाता है। फिर भी नकली पलकों का इस्तेमाल किया जाता है। नकली पलकों में कुछ कमियां भी पाई जाती है जैसे- गोंद का कम-ज्यादा होना, पलकें झपकाने या आंखों को खुजाते समय नकली पलकों से अलग हो जाने का डर आदि। ये नकली पलकें `किट´ के रूप में तथा अलग-अलग रंगों में भी उपलब्ध रहती हैं। अलग-अलग रंगों की पलकें अपना अलग-अलग असर डालती है जैसे-काली पलकों से आंखों में झील के जैसी गहराई नजर आती है। ये पलके मनुष्य, घोड़ों या नकली प्लास्टिक के बालों से बनाई जाती है।
नकली पलकों की सेटिंग
नकली पलकों को आंखों का मेकअप करने के बाद आईलाइनर लगाने से पहले फिट किया जाता है।
नकली पलकों को फिट करने से पहले यह देख लें असली पलकों पर ग्रीस या दूसरी चिकनाई न चढ़ी हो। (नकली पलकों को `पर्म´ की हुई पलकों पर भी फिट किया जा सकता है। यह बहुत आकर्षक दिखता है। इसके बाद यह भी देखना जरूरी है कि असली पलकों पर मस्कारा न लगाया गया हो।
नकली पलकें लगाने से पहले असली पलकों को आई लैश कर्लर से घुंघराला बनाया जाता है। अगर असली पलकों में पर्मिंग न की गई हो।
अब नकली पलकें लगाने के लिए `किट´ में मौजूद विशेष गोंद को असली पलकों पर लगाएं और नकली पलकों को असली पलकों की जड़ में चिपका दें।
आईलाइनर लगाकर नकली पलकों की जड़ छुपा दें।
अब असली तथा नकली पलकों को आपस में मिलाकर असली दिखाने के लिए मस्कारा की एक कोटिंग लगाएं।
किसी भी व्यक्ति को अपनी और आकर्षित करने और चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने में आंखों का सबसे पहला स्थान है, क्योंकि किसी भी स्त्री को पहली बार देखने पर सबसे पहली नजर उसकी आंखों पर ही पड़ती है। आंखे चेहरे को आकर्षक और रोबीला बनाती है। आंखों को सुन्दर और आकर्षक दिखाने के लिए स्त्रियां न जाने कितनी ही कोशिश करती है। आंखों के मेकअप में जहां क्रीम, पाउडर (आई-शैडो) मस्कारा, आई-लाइनर का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं आंखों को नशीला और झील सा गहरा दिखाने के लिए दुल्हन का मेकअप नकली पलकें लगाकर किया जाता है।
हमारे हिन्दुस्तान की महिलाएं पलकों के मामलें में बहुत ही खुशनसीब है, क्योंकि सामान्यत: उनकी आंखों पर सुन्दर और लंबी पलकें कुदरती रूप में होती है। फिर भी अगर आपकी पलकें छोटी और कुछ कम आकर्षक हों तो नकली पलकों को लगाकर आंखों के मेकअप को पूरा किया जा सकता है। वैसे तो आज के मॉर्डन युग में मेकअप की तकनीक से पलकों की पर्मिंग करके नकली पलकों को रोप दिया जाता है। फिर भी नकली पलकों का इस्तेमाल किया जाता है। नकली पलकों में कुछ कमियां भी पाई जाती है जैसे- गोंद का कम-ज्यादा होना, पलकें झपकाने या आंखों को खुजाते समय नकली पलकों से अलग हो जाने का डर आदि। ये नकली पलकें `किट´ के रूप में तथा अलग-अलग रंगों में भी उपलब्ध रहती हैं। अलग-अलग रंगों की पलकें अपना अलग-अलग असर डालती है जैसे-काली पलकों से आंखों में झील के जैसी गहराई नजर आती है। ये पलके मनुष्य, घोड़ों या नकली प्लास्टिक के बालों से बनाई जाती है।
नकली पलकों की सेटिंग
नकली पलकों को आंखों का मेकअप करने के बाद आईलाइनर लगाने से पहले फिट किया जाता है।
नकली पलकों को फिट करने से पहले यह देख लें असली पलकों पर ग्रीस या दूसरी चिकनाई न चढ़ी हो। (नकली पलकों को `पर्म´ की हुई पलकों पर भी फिट किया जा सकता है। यह बहुत आकर्षक दिखता है। इसके बाद यह भी देखना जरूरी है कि असली पलकों पर मस्कारा न लगाया गया हो।
नकली पलकें लगाने से पहले असली पलकों को आई लैश कर्लर से घुंघराला बनाया जाता है। अगर असली पलकों में पर्मिंग न की गई हो।
अब नकली पलकें लगाने के लिए `किट´ में मौजूद विशेष गोंद को असली पलकों पर लगाएं और नकली पलकों को असली पलकों की जड़ में चिपका दें।
आईलाइनर लगाकर नकली पलकों की जड़ छुपा दें।
अब असली तथा नकली पलकों को आपस में मिलाकर असली दिखाने के लिए मस्कारा की एक कोटिंग लगाएं।
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